छन्द
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कभी कभी कर्म अनुसार नाम पड़ जाता,
पर कर्म जो हो वो प्रतीत होना चाहिए।
जैसे कर्ण दानी रहे नाम दानवीर पड़ा,
कृष्ण औ सुदामा जैसा मीत होना चाहिए।
मेघनाथ इंद्र को हराया तब रावण ने,
कहा तेरा नाम इंद्रजीत होना चाहिए।
इस फार्मूले पर शीला को हराये ,
केजरीवालजी का नाम शिलाजीत होना चाहिए।
धर्मप्रकाश मिश्र(कवि)
अस्सी, वाराणसी
09935819408
Sunday, November 20, 2016
इन दिनों नोट बंदी को लेकर तमाम नेताओं सहित माननीय अरविन्द केजरीवाल जी काफी आक्रामक दिख रहे हैं। ऐसे में मुझे अपना एक पुराना छंद याद आ गया, जिसे मैं तब लिखा था जब केजरीवाल जी शीलादीक्षित जी को पराजित किया था, तब मैं उनका नामकरण किया था। प्रासंगिकता के अनुसार वो छंद शेयर करने का मन कर रहा है। इसका बहुत से कवियों ने कॉपी किया । आज ओरिजनल कवि की लेखनी से-------
Saturday, November 19, 2016
Friday, November 4, 2016
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